संदेश

दिसंबर 13, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सुजैट - पीड़ा जो बनी प्रेरणा

चित्र
सुजैट जॉर्डन, जब भी आप यह नाम लेते हैं तो उसका जिक्र पार्क स्ट्रीट पीड़िता के रूप में होता है मगर यह जाँबाज महिला, खुद को पीड़ित नहीं सरवाइवर, कहती थी और जिस हिम्मत के साथ उसने इंसाफ की लड़ाई बगैर किसी के साथ  के लड़ी, वह काबिलेतारीफ थी मगर कहीं न कहीं कम से कम मैंने समाज और शख्सियतों एक खौफनाक चेहरा देखा। जज ने फैसले में कहा है कि ये सजायाफ्ता तीन आरोपी सुजैट को सबक सिखाना चाहते थे, निर्भया के साथ दरिंदगी का खेल खेलने वालों ने भी उसे सबक सिखाने के लिए ही अपनी हैवानियत दिखायी। जाहिर है कि समाज के नुमाइंदों को औरतों के आगे बढ़ने और देर रात तक बाहर रहने से परेशानी है क्योंकि दुनिया के 80 प्रतिशत मर्द तो औरतों को अपनी सम्पत्ति ही समझते हैं जिसकी जिंदगी के कायदे - कानून वह खुद तय करना अपना अधिकार समझते हैं और गाहे - बगाहे हमारे देश के स्वयंभू नेताओं ने भी अपने बयानों से महिलाओं की अस्मिता की धज्जियाँ उड़ाने में अपनी शान ही समझी हैं इसलिए मुलायम सिंह यादव को बलात्कारी भी बच्चे नजर आते हैं। 16 दिसम्बर आने वाला है और निर्भया की मौत के एक साल और गुजर जाएंगे मगर सुजैट ने तो वह जहर पीया और उ