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फ़रवरी 5, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डर पुराण

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डर बड़ा, बहुत बड़ा और व्यापक शब्द है। इन्सान चाहे जितना भी ऊँचा पद पा ले, डर नाम की बला उसका पीछा नहीं छोड़ती। खो जाने का डर, छिन जाने का डर, हर वक्त उस पर हावी रहता है। आज तक बड़े से बड़े पूँजीपति भी अपना पीछा इस डर से नहीं छुड़ा सके हैं और यही डर उनको कभी नया करने की प्रेरणा देता है तो कभी मुकाबला करने की हिम्मत, डर बहुत हद तक सर्वाइवल ऑफ फिटेस्ट का मामला है और फिट रहने की प्रक्रिया डर के कारण ही है।  जनता का डर है कि वे आम जनता को देखते ही सभी नेता वायदों की गंगा बहाने लगते हैं, अब ये अलग बात है कि गंगा अभी तक साफ होने की राह देख रही है और आम आदमी वायदों के पूरा होने की उम्मीद में वोटजाल में हर बार फँसता है। वोटबैंक कम होने का डर है कि चुनाव में टिकट जातिगत आधार पर बँटते हैं, शंकराचार्यों और इमामों से कोई पंगा नहीं लेता और वे घोषणाएं और फतवे जारी करते रहते हैं। तुष्टिकरण की राजनीति ही है जिसके कारण न्याय की जगह वोटबैंक पर नेताओं की नजर रहती है और बंगाल जैसे राज्य में बोझ बेचारे बच्चों पर पड़ता है।  एक ही बात को वे एक बार हिन्दू नजरिए से तो एक बार मुस्लिम नज

कौन लेगा पत्रकारों व महिला पत्रकारों की सुरक्षा का जिम्मा

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पिछले कुछ सालों में पत्रकारों पर हमले तेजी से बढ़े हैं। मध्य प्रदेश में व्यापम मामले की जाँच करने से लेकर बिहार में जंगलराज के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों की निर्मम हत्या कर दी गयी। पत्रकारों पर निशाना साधना, उनको धमकाना और कई बार उनको मार डालना तक काफी आसान होता है क्योंकि वे ‘ टारगेट ’ होते हैं। बेहद दुःख और शर्म के साथ कहना पड़ रहा है कि उनकी हिफाजत के लिए कोई ठोस नीति नहीं है।  इस बारे में जब बात की जाती है तो केन्द्रीय अधिकारी साफ स्वरों में कह ते हैं कि यह राज्य का मामला है। अब जरा बताइए कि जहाँ राज्य ही प्रतिशोध की राजनीति में विश्वास रखता हो, वहाँ पत्रकारों और खासकर महिला पत्रकारों की सुरक्षा का दायित्व कौन लेगा ? अधिकतर मामलों में तो मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की जाती है और विरोध करने पर पत्रकार को मुँह न खोलने की नसीहत दी जाती है।  हाल ही में धूलागढ़ मामले की कवरेज को लेकर सुधीर चौधरी और उनकी महिला सहयोगी पर बंगाल सरकार ने एफआईआर कर दी। सुधीर चौधरी एक जाना - पहचाना नाम है, उनके पास पहुँच है मगर क्या छोटे शहरों के पत्रकारों के साथ घटनाएं सामने आ सकती है