इतिहास का काला अध्याय है ‘गोरखपुर बालसंहार’
उत्तर प्रदेश इन दिनों बेशर्म बेरहमी का अखाड़ा बना हुआ है। एक मरघट लगा है जहाँ सिर्फ वे रौंदे हुए फूल पड़े हैं जिनको असमय तोड़ दिया गया और माली बिलख रहे हैं....जो हालात हैं, उसे देखकर कहना पड़ रहा है कि यह क्रन्दन खत्म नहीं होने वाला है। क्या हमारी मानसिकता इतनी वीभत्स हो गयी है कि संवेदना मात्र के लिए जगह नहीं बची। गोरखपुर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र है जो इन दिनों झाड़ू लगाकर अपने गुनाहों पर परदा डालने में लगे हैं। जी, हाँ ये गुनाह ही है और इन मौतों को बालसंहार ही कहना अधिक सही शब्द है। आश्चर्य है कि यहाँ बच्चों की मौत पर भी राजनीति और लीपापोती हो रही है। मोदी ने सत्ता सम्भालते ही स्वच्छ भारत अभियान चला दिया था। झाड़ू अच्छी चीज है मगर क्या झाडू ही काफी है ? गोरखपुर तो शायद पहली कड़ी है और मीडिया की नजर भी वहाँ इसलिए पड़ी क्योंकि वह खुद मुख्यमंत्री का बतौर सांसद लोकसभा क्षेत्र है, न जाने ऐसी कितनी गुमनाम मौतें रोज हो रही हैं। मोदी जी, आपका न्यू इंडिया कैसे बनेगा जब भविष्य कहलाने वाले हमारे नौनिहाल यूँ आपकी सरकार और प्रशासन की लापरवाही के हाथों असमय अपनी