जुलाई चला गया और जाते - जाते भारत के मिसाइलमैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम को साथ ले गया। आज स्वतंत्रता दिवस पर देश को उनकी कमी बेहद खली मगर वह छोड़ गये एक सपना जिसे पूरा करना अब हर भारतीय का दायित्व है। ऐसा राष्ट्रपति जो कह गया कि उनके जाने के बाद भी काम हो, अवकाश न हो। मेरे देश, तुझे एक और कलाम की जरूरत है, सुभाष की जरूरत है। वंदे मातरम्

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